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मनहरण घनाक्षरी नारि यह नवेली सी सुवर्ण की हवेली सी नहीं पर पहेली सी स्वर्ण का श्रृंगार है। रमणी है या अप्सरा देख मन नहीं भरा सोना लगे खरा खरा रूप ...